रेवाड़ी.हरियाणा रोडवेज की पहली महिला कंडक्टर रेवाड़ी की 32 वर्षीय शर्मिला की ड्यूटी सिटी सेवा बस में लगाई गई है। रोजगार के लिए 8 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिर रोडवेज हड़ताल के चलते शर्मिला को भर्ती का मौका मिल गया। गांव घुड़कावास की रहने वाली शर्मिला ने एक पैर से 40 प्रतिशत दिव्यांग होते हुए भी हिम्मत नहीं हारी। गुरुवार को उसने ड्यूटी ज्वाइन कर ली।
10 व 7 वर्षीय दो बेटियों की मां शर्मिला बताती हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए उसने नौकरी का फैसला किया था। वर्ष 2007 में शादी हो जाने के चलते पढ़ाई नहीं होने से वह 12वीं पास नहीं कर पाई थी, जिसका उसे आजतक मलाल है।
वह बताती है कि दो साल पहले वह किसी काम से जयपुर गई थी, वहां एक महिला परिचालक को देखकर उसके भी दिमाग में आया कि 10वीं पास होते हुए वह भी नौकरी कर सकती है। इसलिए उसने रेडक्रॉस से फर्स्ट एड लाइसेंस लिया था। अब जब वैकेंसी निकली तो उसने अप्लाई कर दिया और उसका नाम सूची में आ गया। शर्मिला कहती हैं कि इस भर्ती ने उसे हिम्मत दी है, अब वह दोनों बेटियों का भविष्य संवारने के लिए मेहनत करेगी। फिलहाल वह कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती है।
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