Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई आज

0
102

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी जमीन विवाद मामले में आज से सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच 2010 में आएइलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर विचार करेगी।

SS

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 3 पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। 27 सितंबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने विवादित भूमि के मामले की सुनवाई नई पीठ में करने का आदेश दिया था।

1994 के फारुखी मामले का भी जिक्र आया
सुनवाई के दौरान इस्माइल फारुखी के मामले में 1994 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र आया था। फारुखी मामले में दिए फैसले में कहा गया था कि नमाज के लिए मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इस फैसले को भी पुनर्विचार के लिए 5 जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेजने की अपील की गई थी। जिसे जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने नकार दिया था।जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा था- विवादित भूमि केमामले की सुनवाई 29 अक्टूबर से नई बेंच करेगी। इसके अलावा इस मामले में सुनवाई सबूतों के आधार पर होगी, पुराने फैसले की इस मामले में कोई प्रासंगिकता नहीं है।

मस्जिद और इस्लाम के बारे में 1994 का संवैधानिक बेंच का फैसला भूमि अधिग्रहण के मामले में था। अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला तथ्यों के आधार पर होगा। पिछले फैसले प्रासंगिक नहीं होंगे।

जस्टिस अशोक भूषण (27 सितंबर 2018)

जस्टिस नजीर ने कहा था- धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर हो फैसला
जस्टिस मिश्रा की बेंच ने 2:1 के बहुमत से ये फैसला दिया था। जस्टिस एस अब्दुल नजीर ने दोनों जजों से अलग दिए अपने फैसले में कहा था- संवैधानिक बेंच फैसला करे कि धर्म के लिए अनिवार्य परंपरा क्या है और इसके बाद ही अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनवाई होनी चाहिए। क्या नमाज के लिए मस्जिद इस्लाम का अटूट हिस्सा है? इसका फैसला धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए और इसके लिए विस्तृत विवेचना की आवश्यकता है।

HC ने विवादित जमीन 3 हिस्सों बांटने का दिया था ऑर्डर

  • अयोध्या मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा पक्षकार हैं।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित 2.77 एकड़ जमीन 3 बराबर हिस्सों में बांटने का ऑर्डर दिया था।
  • अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को दी।
  • सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया था।
  • हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। फिर एक के बाद एक 20 पिटीशन्स दाखिल हो गईं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य पक्षकारों के अलावा सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
  • केवल पूजा के अधिकार वाली सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर सुनवाई का आदेश दिया था।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

Ayodhya dispute Supreme Court hearing pleas against High Court verdict