भोपाल. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का सोमवार से मालवा-निमाड़ क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा शुरू हो रहा है। वे सबसे पहले इंदौर पहुंचेंगे। इसके बाद उज्जैन जाएंगे। जहां महाकालके दर्शन करेंगे। इससे पहले वे 2010 में यहां आए थे। तब महाकाल का अभिषेक नहीं कर सके थे। राहुल के पहले उनके परिवार से दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी महाकाल की पूजा-अर्चना कर चुकी हैं।राहुल उज्जैन के बाद झाबुआ भी जाएंगे जाएंगे। फिर शाम को इंदौर में रोड शो करेंगे।
1991 में राजीव खुली जीप पर निकले थे, उसी राह पर राहुल : चित्र 1991 का है, जब बड़ा गणपति से राजीव गांधी का रोड शो निकला था। रोड शो के बाद राजीव गांधी की सभा शाम 6 बजे होने वाली थी, लेकिन भीड़ इतनी उमड़ी कि रात 12.40 पर वे राजबाड़ा पहुंचे और सभा की।
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कोरबा. रामदयाल उइके का कोरबा जिले के पाली-तानाखार से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना तय था। भाजपा में शामिल होने के एक दिन पहले तक वे गांव-गांव घूमकर न केवल कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वोट मांग रहे थे, बल्कि लाफा और मातिन गांव में बड़ा जमावड़ा कर भोज भी कराया।
इसी सिलसिले में कई जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चुनाव चिन्ह और उइके के नाम के साथ दीवारें भी रंग दीं। पंजे के निशान के साथ उइके के नाम से रंगी दीवारें अब उनके लिए मुसीबत बन गई हैं। अब वे किसे-किसे समझाएं कि यह निशान उनके पिछले चुनाव का था। इधर, कार्यकर्ता हैं कि अब दीवारों से ये नारे मिटा ही नहीं रहे।
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दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्लसल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में विधानसभा चुनाव के पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां सीआरपीएफ की 5 बटालियन, सीएएफ की 1 बटालियन तैनात हैं। यानी पुलिस के अलावा कुल 6000 जवान पहले से तैनात हैं।
चुनाव में केंद्रीय बलों की 65 कंपनियां दंतेवाड़ा जिले को मिल रही हैं। यानी 6500 और जवान सुरक्षित चुनाव सम्पन्न कराने यहां पहुंच रहे हैं। बस्तर जिले की 12 में से 8 सीट कांग्रेस के पास हैं। चार सीट भाजपा के पास हैं।
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भोपाल.विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट की दावेदारी को लेकर यहां भाजपा कार्यालय में देर रात जबर्दस्त मारा-मारी देखने को मिली। हर कोई मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यालय पहुंचे तो दावेदारों ने उन्हें आवेदन देना शुरू किया। तभी भीड़ धक्का-मुक्की कर सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीएम तक जा पहुंची। आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाला और भीड़ को मुख्यमंत्री से दूर किया। वे जैसे-तैसे कार्यालय में अंदर पहुंचे।