चंडीगढ़. शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त एवं पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल ने दशहरे पर अमृतसर में हुए भयानक रेल हादसे को इंसान की तरफ से की गई बड़ी गलती करार दिया है। उन्होंने इसे लेकर पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इस हादसे को गंभीरता से नहीं ले रही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस दुख की घड़ी में लोगों को अकेले छोड़कर विदेश जाना लापरवाही की बड़ी मिसाल है। बादल ने कहा कि अगर कैप्टन की जगह वो होते तो दुख की इस घड़ी में अपना विदेश दौरा रद्द कर लोगों के दुख में शामिल होते और उनके साथ बैठकर दुख साझा करते।
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बादल ने कहा कि इस मामले में सिद्धू दंपती, प्रबंधकों पर धारा 304 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। घटना की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा जज से न्यायिक जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसी तरह हर जख्मी के परिवार को 50 लाख रुपए दिए जाएं। यही नहीं अमृतसर के सभी प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही को देखते हुए उन्हें बदला जाए।
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बादल ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार नवजोत सिंह सिद्धू को तुरंत मंत्री पद से हटाने की मांग की। इसके अलावा मुख्य आरोपी के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, कांग्रेसी काउंसलर और दशहरासमारोह के प्रबंधक सौरव मदन मिट्ठू के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। प्ररकाश सिंह बादल ने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू का व्यवहार बहुत कठोर, अमानवीय और गैरजिम्मेदारना है। हादसे के बाद नवजोत कौर सिद्धू को लोगों को छोड़कर भागना नहीं चाहिए था, बल्कि वहां रुकना चाहिए था। यह उनकी जिम्मेदारी बनती थी। लेकिन बाद में वो झूठी शोहरत बटोरने के लिए अस्पताल में जख्मियों को देखने पहुंच गईं।