नेशनल डेस्क/अमृतसर: शहर के जोड़ा बाजार में रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। रावण दहन का कार्यक्रम पटरियों के पास ही हो रहा था। वहां कोई बैरिकैडिंग नहीं थी। तेज पटाखों के शोर में ट्रेनों की आवाज दब गई और लोग हादसे का शिकार हो गए। अमृतसर रेलवे प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 0183- 2223171 और 0183-2564485 जारी किए हैं। हादसे के बाद राजनीति शुरु हो गई है, हादसे की वजह भी सामने आई हैं, लेकिन दैनिक भास्कर डॉट कॉम के 7 सवाल हैं, जिनके जवाब से पता चलेगा कि हादसे का जिम्मेदार कौन है?
दैनिक भास्कर डॉट कॉम के सवाल
- ट्रैक से महज 200 फीट दूर पुतला दहन क्यों?
- स्थानीय पार्षद ने बिना इजाजत रावण दहन का आयोजन क्यों किया?
- ट्रैक पर सैंकड़ों लोग खड़े थे फिर भी रेलवे को पता क्यों नहीं चला, गेटमेन ने ट्रेन क्यों नहीं रुकवाई?
- ट्रैक के इर्दगिर्द बैरिकेटिंग क्यों नहीं की गई?
- हादसे के बाद कांग्रेस नेता मौके से क्यों भाग गए?
- हादसे के बाद काफी देर तक पुलिस मौके पर क्यों नहीं पहुंची?
- हादसे में 50 लोगों की जान चली गई, फिर भी सीएम अगली सुबह घटना स्थल पर जाने का इंतजार क्यों कर रहे हैं?
कैसे हुआ हादसा?
हादसा अमृतसर-दिल्ली रेलवे रूट के ट्रैक पर हुआ। अधिकारियों और चश्मदीदों के मुताबिक, रावण दहन के दौरान एक ही समय दो ट्रेनें दो पटरियों पर आमने-सामने से आ गईं। एक एक्सप्रेस ट्रेन थी, जिसकी रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा के आसपास थी। इसी ट्रेन से लोगों के कुचले जाने का वीडियो सामने आया। हादसे वाली जगह से इस ट्रेन को गुजरने में पांच सेकंड भी नहीं लगे होंगे। दूसरी ट्रेन डीएमयू थी, जिसकी रफ्तार 60 से 80 किमी के आसपास थी। जब दोनों ट्रेनें जोड़ा बाजार रेल फाटक के नजदीक पहुंचीं तो रावण दहन के वीडियो बना रहे लोगों को कुछ समझने या पीछे हटने का मौका ही नहीं मिला। अमृतसर के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि मरने वालों की संख्या 50 से ज्यादा है।
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