स्पोर्ट्स डेस्क: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक बार फिर स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया है। अलजजीरा चैनल ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि 2011-12 के दौरान कुल 15 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 26 बार स्पॉट फिक्सिंग हुई थी। इस फिक्सिंग में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान के क्रिकेटर्स शामिल थे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने चैनल के इस दावे को खारिज कर दिया कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। उसने चैनल से रॉ फुटेज (बिना कोई काट-छांट के) मांगे हैं।
चैनल का दावा
15 मैचों में से सात में इंग्लैंड और पांच में ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर्स शामिल
- स्टिंग ऑपरेशन की डॉक्यूमेंट्री को 'क्रिकेट्स मैच फिक्सर्स: द मुनावर फाइल्स' नाम दिया है। इसमें कहा गया है कि 2011-12 के बीच छह टेस्ट, छह वनडे और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में फिक्सिंग हुई थी।
- चैनल ने आईसीसी के रडार पर चल रहे सट्टेबाज मुनावर के बयान के हवाले से बताया कि इन 15 में से सात में इंग्लैंड, पांच में ऑस्ट्रेलिया और तीन में पाकिस्तान के क्रिकेटर्स ने फिक्सिंग की। कुछ मामलों में मैच खेल रहीं दोनों टीमों के खिलाड़ी फिक्सिंग में शामिल रहे।
- अल-जजीरा का दावा है कि 2011 में भारत-इंग्लैंड के बीच खेला गया लॉर्ड्स टेस्ट और इस साल हुआ दक्षिण अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया का केपटाउन टेस्ट भी शक के घेरे में है। डॉक्यूमेंट्री में 2011 वर्ल्ड कप के पांच और 2012 टी-20 वर्ल्ड कप के तीन मुकाबलों में भी फिक्सिंग का दावा किया है।
- इसमें 2012 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हुई इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच हुए तीन टेस्ट में हुई स्पॉट फिक्सिंग का भी जिक्र किया गया है। स्टिंग में बुकी कह रहा है, ‘‘हम 60 से 70 फीसदी अंतरराष्ट्रीय मैच फिक्स कर सकते हैं। हम सिर्फ दुनियाभर के 25 से 30 ‘बहुत बड़े’ कस्टमर्स के साथ ही डील करते हैं। वे हर मैच से चार से 10 करोड़ रुपए कमाते हैं।’
- मुंबई में जन्मा मुनावर अब दुबई में रहता है। भारत की पुलिस को भी उसकी तलाश है। चैनल का दावा है कि वह 2010 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिक्सिंग में लिप्त है। इस बात से आईसीसी भी वाकिफ है।
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