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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हत्या समेत 8 मुकदमों का आरोपी चला रहा था अवैध नशा छुड़ाओ केंद्र, बंधकों जैसे कैद 250 युवक छुड़ाए

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चमकौर साहिब.नवांशहर और लुधियाना में अवैध नशा छुड़ाओ केंद्रों का भंडाफोड़ होने के बाद अब चमकौर साहिब के गांव जंड साहिब में भी अवैध नशा छुड़ाओ केंद्र का पर्दाफाश हुआ है। धर्म की आड़ में चलाए जा रहे इस अवैध केंद्र से पुलिस ने करीब 250 युवाओं को छुड़ाया है।

यह केंद्र जेलनुमा इमारत में 4 साल से चल रहा था। यहां काम न करने पर युवकों को पीटा जाता था, कई युवकों की पीठ पर पिटाई के निशान भी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र का संचालक खुशविंदर सिंह उर्फ काका जंड साहिब पर मामा की हत्या समेत विभिन्न धाराओं में 8 मामले दर्ज रहे हैं।

हालांकि, लाश और सबूत न मिलने से हत्या के मामले में बरी हो चुका है। पुलिस ने काका को अरेस्ट कर लिया है। परिजनों से इलाज के नाम पर 15 से 30 हजार रुपए तक फीस वसूली जाती थी। नशा छोड़ने के लिए नवांशहर के एक युवक की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।

केंद्र का नाम ‘जंड साहिब गुरमुखी अकादमी’ रखा था। केंद्र से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चार पावन स्वरूप व 300 गुटका साहिब मिले हैं, जिन्हें एसजीपीसी को सौंप दिया गया है। यहां पर गुटका साहिब दिखाकर परिजनों को विश्वास में लिया जाता था।

दवा मांगने पर पीटते, रात 1 बजे तक सफाई कराते, सुबह 4 बजे से गोबर उठवाते

मैं तो ये सोचकर यहां आया था कि नशा छूट जाएगा लेकिन यहां तो जानवरों जैसा बर्ताव हुआ। करीब 250 युवकों को एक ही हॉल में बंदी बनाकर रखा गया। हवा तक नहीं आती थी। रात एक बजे तक साफ-सफाई करवाई जाती और फिर सुबह 4 बजे उठाकर पशुओं के लिए चारा कटवाया जाता, गोबर उठवाया जाता था, तो कभी खेतों में भेजा जाता। आनाकानी करने पर 5-6 लोग डंडों से पीटते थे। आप युवकाें की पीठ और पैर में निशान देख सकते हैं। घरवालों से मिलने नहीं दिया जाता था। नशे की तलब लगने पर कोई दवाई नहीं दी जाती थी, कोई मांगें तो पीटा जाता था। धक्के से अमृतपान कराया जाता और दाढ़ी रखवाई जाती थी ताकि लोगों को लगे कि यहां सिखी की शिक्षा दी जा रही है लेकिन ऐसा नहीं था। यहां आने वालों को पांच पड़ाव पार करने पड़ते थे। -जैसा कि छुड़ाए युवक ने बताया।

नशा छुड़ाओ केंद्र तो लगता ही नहीं:
डीसी डॉ. सुमीत जारंगल व एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि केंद्र नशा छुड़ाओ केंद्र लगता ही नहीं, क्योंकि यहां ऐसा कोई प्रबंध नहीं है। पेरेंट्स से हजारों रुपए ठगे जाते थे। युवाओं से बुरा व्यवहार किया जाता था। काका पर आईपीसी की धारा 384, 242 व 85ए के तहत केस दर्ज किया गया है।

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murder accused run illegal drug de-addiction center