चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने खेतों में पराली जलाने पर पाबंदी लगा रखी है। ऐसे में किसान परेशान हैं कि वे पराली का करें क्या। अगर वे पराली जलाते हैं तो सरकार चालान काटेगी और अगर नहीं जलाते तो गेहूं की बिजाई लेट हो जाएगी।
वहीं अगर पराली संभालते है तो प्रति एकड़ ~6-7000 खर्च बढ़ जाएगा। किसानों ने कार्रवाई से बचने को रावण का सहारा लेने की तैयारी की है। प्रदेश के कई जिलों के किसानों ने फैसला किया है कि वे दशहरे पर पराली के रावण जलाएंगे।
संगठन कल करेंगे तीन घंटे तक रेल रोको आंदोलन:
किसान संघर्ष कमेटी पंजाब ने 18 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में 3 घंटे तक रेल रोको आंदोलन चलाने का ऐलान किया है। इसका फैसला कमेटी ने अमृतसर के एक में बैठक करके लिया है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने पराली प्रबंधन का कोई रास्ता बताया नहीं उल्टे जुर्माने डाल रही है।
साथ ही आंदाेलन को भी असफल बनाने के लिए कई किसानों को अभी से उनको घर से नहीं निकलने दे रही। लेकिन वे इस आंदोलन को हर हाल में सफल करके ही रहेंगे। किसानों की मांग है कि बासमती, 1509 और 1121 का रेट तय किया जाए। बेमौसमी बरसात से हुए धान खराबी में किसानों को नमी की छूट दी जाए।
किसानों ने सरकार से यह भी मांग रखी है कि दो एकड़ वाले किसान को मुफ्त, 5 एकड़ वाले किसान को 5 हजार रुपए और 5 एकड़ से अधिक वाले किसान को 15 हजार रुपए लेकर खेती के औजार मुहैया करवाए जाएं। पराली संभालने के लिए 6 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा और 200 प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए। कमेटी प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आंदोलन पूरे पंजाब में रहेगा। अलग-अलग जत्थेबंदियां शामिल होंगी। इस आंदोलन के बाद भी यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन बढ़ाया भी जा सकता है।
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