संगरूर (पंजाब)।6 दिन पहले गांव घराचों से तीन माह के बच्चे को अगवा करने वाले मुख्यारोपी समेत पुलिस ने दो महिलाओं को अरेस्ट किया है। दोनों महिलाओं में एक आरोपी की पत्नी है जबकि दूसरी आरोपी के साथ रिलेशन में रहती थी। आरोपियों से अगवा किया गया बच्चा भी बरामद कर परिवार को सौंप दिया गया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी ने पत्नी को बच्चा नहीं होने पर बच्चे की चाहत को पूरा करने के लिए बच्चे का अपहरण किया था।
आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की थी ये प्लानिंग
एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि घटना के बाद से उन्होंने बच्चे की तलाश के लिए टीमों का गठन किया गया था। जिसके तहत घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस की ओर से सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल की डिटेल, टॉवर लोकेशन व सोशल मीडिया पर आरोपी की गाड़ी और उसका स्केच जारी कर दिया गया। इस संयुक्त ऑपरेशन के तहत पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली कि एक शकी कार गांव लड्डा से बेनड़ा के गांवों की तरफ घूम रही है। पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी कर बच्चे का अपहरण करने वाला मुख्यारोपी कुलदीप खान उर्फ मनी, उसकी पत्नी गुरमीत कौर, मनजीत कौर को काबू किया। आरोपियों के पास से बच्चे को भी बरामद किया गया। आरोपी से बरामद की गई कार पर भी जाली नंबर लगा है। आरोपी अपने जानकार के घर से कार के कागजात चोरी कर ले आया था जिनका इस्तेमाल इस कार के लिए किया था।
10 अक्टूबर को शिवजोत का हुआ था अपहरण
कुलदीप खान उर्फ मनी निवासी रतिया की करीब 5 वर्ष पहले गुरमीत कौर के साथ शादी हुई थी। परंतु कोई बच्चा नहीं हुआ, जिसके बाद कुलदीप खान ने मनजीत कौर को अपने घर में रख लिया। परंतु उसे भी कोई बच्चा नहीं हुआ। जिसके बाद कुलदीप खान ने बच्चा चोरी करने की साजिश बनाई। कुलदीप का घराचों के नजदीक गांव बटरीयाना में एक रिश्तेदार था जहां उसका आना-जाना था। कुलदीप खान घराचों के कई लोगों को जानता था। कुलदीप खान को पता चल गया कि घराचों के मलकीत सिंह के घर बच्चा पैदा हुआ है। 10 अक्टूबर को कुलदीप खान तीन माह के बच्चे शिवजोत सिंह के दादा अजायब सिंह के पास पहुंचा और उन्हें दूर का रिश्तेदार बता उनके घर चला गया। बातों में लगाकर बच्चे को खिलौने दिलाने के बहाने अपहरण कर ले गया था। आरोपी बच्चे को अगवा कर रतिया ले गया था। जहां उसने अपने परिवार को बताया कि वह बच्चे को गोद लेकर आया है।
शिवजोत को गले लगा रो पड़ी मां
मासूम शिवजोत को गले लगाकरमां की आंखों में खुशी के आंसू झलक आए। मां मनप्रीत कौर का कहना है कि शिवजोत के बगैर 6 रातों से उसकी आंख की पलक तक नहीं झपकी है। जब भी आंख बंद होती तो उसे शिवजोत नजर आने लगता था। शिवजोत के बिना घर में सब सूना था। किसी का मन नहीं लग रहा था। उसकी आंखों में आंसू के सिवा कुछ नहीं था।
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