लंदन. नॉर्दर्न आयरलैंड की लेखिका अन्ना बर्न्स (56) को मैन बुकर अवॉर्ड 2018 से नवाजा गया है। उन्हें यह अवार्ड मिल्कमैन उपन्यास के लिए दिया गया है। यह पुरस्कार पाने वाली अन्ना नॉर्दर्न आयरलैंड की पहली लेखिका हैं। अन्ना को 52,500 पाउंड (50 लाख 85 हजार रुपए) की इनामी राशि दी गई। बुकर के 49 साल के इतिहास में यह पुरस्कार हासिल करने वाली अन्ना 17वीं और 2013 के बाद से पहली महिला हैं।
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मिल्कमैन में एक युवा लड़की को शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो जाता है। इसके बाद नॉर्दर्न आयरलैंड में दोनों लोगों को राजनीतिक गतिरोध का सामना करना पड़ता है। लंदन में हुए समारोह में अन्ना को यह पुरस्कार दिया गया।
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जजों के पैनल की अगुआई करने वाले क्वामे एंथनी अपैया ने बताया- अन्ना ने अपनी किताब में जो लिखा, वैसा हमने पहले कभी नहीं पढ़ा। वह अपने लेखन में पारंपरिक सोच को चुनौती देती दिखाई देती हैं।
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अपैया ने बताया- मिल्कमैन उपन्यास क्रूरता, यौन अतिक्रमण और हास्य के साथ प्रतिरोध की कहानी है। यह विभाजित समाज में इंसान के कपटतापूर्ण रूपों की खोज करती है।
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अन्ना ब्रिटेन के ससेक्स में ही रहती हैं। मिल्कमैन एक ऐसी लड़की पर केंद्रित है जो एक रूढ़िवादी समुदाय में अफवाह, सामाजिक दबाव और राजनीति के जरिए अपना रास्ता तलाशती है।
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पुरस्कार के लिए अन्ना का मुकाबला दो ब्रिटेन, दो अमेरिकी और एक कनाडा के लेखक से था। मिल्कमैन ने डेजी जॉनसन (27) के उपन्यास एवरीथिंग अंडर को पछाड़कर अवॉर्ड हासिल किया। मैन बुकर के इतिहास में डेजी अब तक सबसे युवा नॉमिनी थीं।
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जिन अन्य किताबों को नॉमिनेट किया गया था, उनमें द लॉन्ग लेक (रॉबिन रॉबर्टसन), वॉशिंगटन ब्लैक (एसी एडुग्यान), द मार्स रूम (रैचेल कुशनर) और द ओवरस्टोरी (रिचर्ड पावर्स) थीं।
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अन्ना को प्रिंस चार्ल्स की पत्नी और डचेस ऑफ कार्नवॉल कैमिला पार्कर ने ट्रॉफी दी। इस बार जजों को पुरस्कार के लिए 171 प्रविष्टियां मिली थीं।