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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मुरथल से ड्राइवर वापस लाया बस, 25 हजार यात्रियों को उठानी पड़ी परेशानी, 165 बसों के नहीं हिले चक्के

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प्रदेश सरकार और यूनियनों के बीच चल रही खींचतान का भुगतान मंगलवार को जिले के 25 हजार से ज्यादा लोगों को करना पड़ा। डिपो प्रबंधन ने मंगलवार सुबह अंग्रेजों की डिवाइड एंड रूल पाॅलिसी को अपनाया, लेकिन यह पॉलिसी फेल हो गई। डिपो प्रबंधन ने एक ड्राइवर को किसी तरह से राजी करके पानीपत के लिए रवाना करा दिया। अन्य चालकों को बताया जाने लगा कि कोई हड़ताल नहीं है, उनके साथ बड़ी संख्या में ड्राइवर और कंडक्टर हैं बसों का परिचालन तो होगा। अब तुम लोग जानों प्रबंधन और सरकार की नजर में आओगे।

कर्मियों और अधिकारियों के बीच बात चल ही रही थी कि बस को लेकर गया चालक वापस डिपो में बस लेकर दाखिल हो गया। डिपो प्रबंधन का तिकड़म फेल होने के कारण मंगलवार को चक्का जाम के पहले दिन करीब 16 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। यूनियन कर्मी पूरे दिन डिपो परिसर के गेट के बगल बैठकर नारेबाजी की। डिपाे महाप्रबंधक जोंगेंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए नौकरी से हटाने और एफआईआर की सिफारिश की है। यूनियनों की हड़ताल का सोनीपत में पूरा असर देखने को मिला। डिपो से एक भी बस नहीं निकली। यूनियन नेताओं पर नजर रखने के लिए डिपो महाप्रबंधक जोगेंद्र सिंह रावल वर्कशाप के गेट पर ही बैठे रहे। लेकिन यूनियन नेताओं ने भी जबरदस्त फील्डिंग कर रखी थी। मंगलवार को डिपो में किसी भी कर्मी को दूसरे कर्मी ने काम पर जाने से नहीं रोका, क्योंकि कोई चालक व परिचालक रूट पर गया ही नहीं। जिसके कारण डिपो के वर्कशाप सहित विभिन्न स्थानों पर डिपो की 165 बसों का चक्का जाम हो गया। यात्रियों के लिए निजी आप्रेटरों की बसें, कैब और ऑटो चालक सहारा बने।

एक साल में तीन बार हो चुकी हड़ताल : प्रदेश सरकार और यूनियनाें के बीच यूं तो हमेशा से ही खींचतान बनी रहती है। सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर भाजपा की हो। यह यूनियनें किसी न किसी वजह से हड़ताल करती ही रहती है। वर्ष 2018 में अब तक तीन हड़ताल हो चुका है।

प्रोबेशन के 21 ड्राइवरों के सुबह ड्यूटी पर हाजिर नहीं होने पर हटाने का आदेश

लाख से अधिक का नुकसान

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इन हड़तालों से सरकार को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ता है। तीनों हड़ताल से अकेले सोनीपत डिपो से सरकार को 50 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। प्रतिदिन रोडवेज की आमदनी करीब 16 लाख रुपए है।

हजार यात्रियों को हुई परेशानी

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डिपो कर्मियों द्वारा किए गए चक्का जाम के कारण जिले के विभिन्न रुटों पर चलने वाली बसों में यात्रा करने वाले 25 हजार से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में यात्रियों को पता ही नहीं था कि मंगलवार को चक्का जाम भी है। इस कारण से वह रूटों पर खड़े रहे।

सोनीपत . बस अड्‌डा में कर्मियों को संबोधित करते यूनियन नेता आनंद शर्मा।

बस पानीपत की ओर की थी रवाना

मंगलवार सुबह करीब 7 बजे एक चालक को डिपो प्रबंधन ने काफी समझा बुझाकर एक बस पानीपत की ओर रवाना कर दिया। प्रबंधन चाहता था कि डिवाइड एंड रूल का सहारा लिया जाए, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। जिस चालक को भेजा गया था, वह भी आधे घंटे में ही मुरथल से बस को वापस ले आया।

4 यूनियन नेताओं पर एफआईआर की सिफारिश

डिपो प्रबंधन ने प्रोबेशनी पीरियड के 21 ड्राइवरों को बुधवार सुबह नौकरी जॉइन करने अल्टीमेटम दिया है, अन्यथा नौकरी से हटाने के आदेश। इन सभी को नोटिस पकड़ा दिया गया है। वहीं एस्मा के तहत कर्मियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित कानूनी कार्रवाई का नोटिस दिया गया है। यूनियन नेता रणवीर सिंह, रामपत गोरड़, योगेश और चंद्रहास पर एफआईआर दर्ज करने के लिए महाप्रबंधक ने एसपी सोनीपत को लिख दिया है।

नियमानुसार सभी पर कार्रवाई की जाएगी

प्रदेश सरकार द्वारा हड़ताल के लिए एस्मा लगाया गया है। कोई भी हड़ताल या चक्का जाम नहीं कर सकता है। बावजूद इसके यात्रियों को परेशान किया जा रहा है। नौकरी से हटाने सहित एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया अमल में लाई गई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जोगेंद्र सिंह रावल, महाप्रबंधक रोडवेज, सोनीपत डिपो।

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Sonipat – मुरथल से ड्राइवर वापस लाया बस, 25 हजार यात्रियों को उठानी पड़ी परेशानी, 165 बसों के नहीं हिले चक्के