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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

22 साल बाद पुलिस पहरे में छात्रसंघ चुनाव आज, एबीवीपी को छोड़ बाकी 11 संगठन करेंगे विरोध

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पानीपत.प्रदेश में 22 साल बाद छात्रसंघ चुनाव का वक्त आ गया है। बुधवार को प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होगा, लेकिन अनेक छात्र संगठनों की ओर से इसका विरोध करने पर चुनाव पर पुलिस का पहरा रहेगा। छात्र संगठनों के विरोध की वजह से मुकाबला करीब 40 फीसदी सीटों पर ही होगा। क्योंकि इतनी ही सीटों पर एक से ज्यादा उम्मीदवार सीआर का चुनाव लड़ रहा है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अनुसार करीब 30से 35 फीसदी सीटों पर वह बच्चे सीआर बनेंगे, जो कक्षा में टॉपर हैं। क्योंकि इतने सीटों पर आवेदन ही नहीं आए हैं। जबकि बाकी पर एक-एक ने ही आवेदन किया है।

287 कॉलेजों और 11 यूनिवर्सिटी में सुबह करीब 9 बजे बैलेट पेपर से मतदान शुरू होगा जो दोपहर करीब एक बजे चलेगा। छात्र वोटर अपने वोट से सीआर चुनेंगे। मतदान के बाद इसकी काउंटिंग होगी। नतीजों की घोषणा के बाद सीआर की ओर से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के अलावा पांच एग्जीक्यूटिव मेंबरों का चुनाव होगा। चुने हुए प्रत्याशियों की घोषणा भी दोपहर बाद करीब 4 बजे कर दी जाएगी।

डीजीपी बीएस संधू ने बताया कि सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर पुलिस तैनात कर दी गई है। हालात बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई होगी। एसीएस ज्योति अरोड़ा ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

छात्र संगठन विरोध को तैयार :
एबीवीपी को छोड़कर 11 छात्र संगठन चुनाव का विरोध कर रहे हैं। ये संगठन बुधवार को विरोध के लिए अपनी रणनीति बना चुके हैं। विरोध कैसे होगा, इसका खुलासा वे नहीं कर रहे हैं। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा और एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज ने बताया कि अप्रत्यक्ष चुनाव का विरोध करेंगे। इसका तरीका क्या होगा, वह मौके पर ही खुलासा होगा।

चुनावों में उच्च न्यायालय का दखल, नामित सीआर भी ले सकेंगे हिस्सा :

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दाखिला एवं अन्य बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य मामलों में छात्र संघ चुनाव के संबंध में सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को 12 नवंबर के लिए नोटिस जारी किया।
यह जानकारी याचिकाकर्ता अनिता और हरेंद्र के वकील रवींद्र सिंह ढुल ने न्यायालय में सुनवाई के बाद दी।

उन्होंने बताया कि न्यायालय ने मामले में दखल देते हुए सुनवाई के दौरान कहा कि यदि चुनाव प्रक्रिया थोड़ा लंबी होती तो शायद कोर्ट इस पर और सख्त रूख अपना सकती थी। सुनवाई के दौरान सरकार को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि बुधवार को होने वाला चुनाव कोर्ट में दायर याचिकाओं के फैसले पर निर्भर करेगा। इस बीच कोर्ट ने टिप्पणी की कि यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट पूरे चुनाव को खारिज भी कर सकती है।

इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने बताया कि चुनाव लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार नहीं हो रहे। टंकेश्वर कमेटी ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को तोड़ मरोड़ दिया है। जिसके कारण हरियाणा में भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी को छोड़कर इनसो सहित सभी छात्र संगठन आंदोलनरत हैंं। सरकार के विरोध में 222 में से 131 सीटों पर पूर्ण बहिष्कार किया गया और एक भी नामांकन नहीं आया।

एमडीयू में सीआर की 222 सीटों पर सिर्फ 11 ही सीटों पर चुनाव करवाया जाएगा। अन्य 211 को बतौर टॉपर चुना गया है। चुनाव में एमडीयू के 38 विभागों में से सिर्फ 9 विभाग ही शामिल हो सकेंगे। बुधवार को होने वाले आफिस बियरर और कार्यकारिणी के चुनाव में विभागों से नामित किए गए सीआर भी भाग ले सकेंगे। इसके लिए मंगलवार को पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।

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