चंडीगढ़.अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से अपील की है कि वह सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को कट्टरपंथियों की पीठ थपथपाकर पंजाब को दोबारा से अंधकार भरे दिनों की तरफ धकेलने से रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई करें, क्योंकि ये गर्मख्याली तत्व राज्य की शांति तथा भाईचारे की सांझ को खत्म करने तथा देश को टुकड़ों में बांटने पर तुले हुए हैं।
शिअद प्रधान सुखबीर बादल तथा भाजपा पंजाब अध्यक्ष श्वेत मलिक की अगुआई में एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को मारने की साजिश के किए खुलासे समेत हाल ही में हुई घटनाओं से अवगत करवाते हुए कहा कि यह सब पंजाब में कांग्रेस पार्टी द्वारा गर्मख्यालियों को दिए समर्थन का ही परिणाम है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें बादल साहिब को खामोश करना चाहती हैं, क्योंकि वे हिंदू-सिख एकता के समर्थक हैं तथा कांग्रेस पार्टी अकाली दल तथा इसके सीनियर नेताओं के खिलाफ गर्मख्यालियों के रोष प्रदर्शनों का समर्थन करके उनके हाथों की कठपुतली बनी हुई है।
यूटी प्रशासन कर रहा पंजाबी भाषा के साथ भेदभाव :
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को यूटी प्रशासन के द्वारा शुरू किए एक नए व अवांछित प्रचलन के बारे में भी बताया, जिसमें जेबीटी अध्यापकों के 418 पदों के लिए पंजाबी योग्यता की शर्त हटाकर चयन प्रकिया को बदला जा रहा है। पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि अब नए नियमों के अंतर्गत उम्मीदवारों को सिर्फ अंग्रेजी तथा हिंदी का ज्ञान होना जरूरी है जबकि इस नौकरी में उन्हें पंजाबी भी पढ़ानी पढ़ती है।
प्रतिनिधिमंडल ने अपील की कि वे पंजाबी के ज्ञान को चयन प्रकिया में शामिल किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात से भी परिचित करवाया कि कांग्रेस सरकार द्वारा 4 महीने पहले हासिल की 327 करोड़ रुपए के वजीफे की राशि आगे दलित विद्यार्थियों को न बांटे जाने के कारण एक लाख दलित विद्यार्थी कालेजों में प्रवेश नहीं ले पाए। इस मामले में भी दखल दें।
टीचर्स की सेलरी कटौती वाला फैसला वापस लें कैप्टन :
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि 8,886 अध्यापकों को रेगुलर न करने के नए फैसले समेत कांग्रेस सरकार की अमानवीय नीतियों के कारण समाज में किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 8-10 सालों से 35 हजार से लेकर 45 हजार रुपए तनखाह लेकर सेवा निभा रहे इन अध्यापकों को अब यह कहा जा रहा है कि यदि उन्होेंने रेगुलर होना है तो तीन साल के लिए 15 हजार रुपए प्रति महीना पर काम करें। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को अपील की कि वह सरकार को ऐसा कठोर कदम तुरंत वापिस लेने का निर्देश दें।
शिष्टमंडल में बलविंदर सिंह भूंदड, जत्थेदार तोता सिंह, बीबी जागीर कौर, शरनजीत सिंह ढिल्लों, बिक्रम सिंह मजीठिया, सिकंदर सिंह मलूका, गुलजार सिंह रणीके,हीरा सिंह गाबड़िया, विरसा सिंह वल्टोहा,पवन कुमार टीनू इत्यादि भी मौजूद थे।
काफिले पर हमले में पुलिस की मिलीभगत थी :
गत दिनों गुरदासपुर जिले के गांव निक्के घुम्माण में एक धार्मिक समागम के पंडाल में कांग्रेस द्वारा भेजे कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा किए प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि उन शरारती तत्वों को काबू करके पुलिस के हवाले किए जाने के बावजूद पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि इससे पहले 5 अक्तूबर को संगरूर जिले में गर्मख्यालियों ने उनके काफिले पर हमला किया था तो उसमें पुलिस की मिलीभगत थी, जिसने बाद में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की पूरी कोशिश की।
आग से खेल रही है कांग्रेस :
इस अवसर पर बोलते हुए भाजपा के राज्य प्रधान श्वेत मलिक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बिल्कुल उसी तरह आग से खेल रही है, जैसे 80 में कांग्रेसी नेताओं ने किया था, जिसके कारण पंजाब में आतंकवाद ने सिर उठा लिया था। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ राज्य में किसी को भी हिंदू-सिख एकता को भंग करने की आज्ञा नहीं देगा।
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